नक्सल-मुक्त भारत, नक्सल-मुक्त छत्तीसगढ़ और नक्सल-मुक्त अबूझमाड की दिशा में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता :

1.8 करोड़ – 1.8 करोड़ रुपये के ईनामी दो सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी हुए मुठभेड़ में ढेर l

मुठभेड़ स्थल से 01 एके-47 राइफल, 01 इंसास राइफल और 01 बीजीएल लॉन्चर सहित भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य एवं अन्य सामग्री की बरामदगी ।

विपरीत मौसम, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों तथा अन्य चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा बल लगातार अभियान संचालित कर रहे हैं।
🔶 केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और अनेक हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं, जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।

सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी ढेर; महराबेड़ा में सीआरपीएफ 27 जवान, बुकिनतोर ब्लास्ट 04 जवान और जोनागुडेम व टेकलगुडा में 22-22 जवानों के नरसंहार करने सहित छत्तीसगढ़ में 16 ,आंध्र प्रदेश में 02 , तेलंगाना मे 04 और महाराष्ट्र में 05 कुल 27 अपराध में मुख्य आरोपी।

सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति सदस्य कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी ढेर; कच्चापाल जन-अदालत में 06 ग्रामीणों की हत्या, गढ़चिरौली के मरकाटोला में 17 जवान, मदानवाड़ा एंबुश में तत्कालीन एसपी सहित 27 जवान और ईरपानार एंबुश में 04 जवानों की नरसंहार तथा सुकमा कलेक्टर का अपहरण सहित छत्तीसगढ़ में 06 ,महाराष्ट्र में 48, आंध्र प्रदेश में 02, तेलंगाना मे 06, कुल 62 अपराध में मुख्य आरोपी।

भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन की मंशानुरूप एवं क्षेत्र की जनता की इच्छा अनुसार प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन की खात्मे की दिशा में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादी विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों ने माओवादियों के सशस्त्र दस्तों और उनके ईको सिस्टम तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे उनके प्रभाव क्षेत्र में महत्वपूर्ण कमी आई है।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया ने कहा: अबूझमाड़ लगभग 5000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है, जो नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में स्थित है, जो अत्यधिक कठिन और ऊबड़-खाबड़ इलाका है, जिसमें घने जंगल माओवादियों के सशस्त्र दस्तों एवं माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व के लिए सुरक्षित ठिकाने व आश्रय स्थली प्रदान करते हैं। पिछले दो वर्षों में, सुरक्षा शिविरों की स्थापना और माओवादी विरोधी अभियानों के कारण माओवादियों का गढ़ महत्वपूर्ण रूप से कमजोर हुआ है।

इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्र में कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी सहित दर्जनों नक्सलियों के मूवमेंट की आसूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए दिनांक 20-09-2025 को से नारायणपुर डीआरजी पार्टी रवाना हुई। दिनांक 22.09.2025 को पुलिस पार्टी फरसबेड़ा और तोयमेटा के जंगल पहाड़ के पास पहुंची थी कि नक्सलियों ने पुलिस दल के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, सुरक्षा बल के जवानों ने जवाबी कार्यवाही की।

सुरक्षा बलों की प्रभावी जवाबी कार्रवाई के दौरान
नदी नाले और जंगल पहाड़ में छिपते छिपाते, छिटपुट फायरिंग करते हुए नक्सली भाग निकले। सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बल ने 02 माओवादी के शव सहित भारी मात्रा में आर्म्स/एम्युनेशन और विस्फोटक पदार्थ बरामद किया। जिसकी पहचान केंद्रीय समिति सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुड़सा उसेंडी उर्फ विजय उर्फ विकल्प और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी उर्फ गोपन्ना उर्फ बुचन्ना के रूप में हुई है।

🟣 राजू दादा @ कट्टा रामचंद्र रेड्डी व्यक्तिगत प्रोफ़ाइल

पूर्ण नाम: कट्टा रामचंद्र रेड्डी
उपनाम: राजू दादा उर्फ गुड़सा उसेंडी उर्फ विजय उर्फ विकल्प
पिता का नाम: मल्ला रेड्डी
आयु: 63 वर्ष
निवासी: तिगलागुट्टा पल्ली जिला करीमनगर तेलंगाना

कट्टा रामचंद्र रेड्डी: संगठनात्मक भूमिकाएँ और सैन्य गतिविधियां

वर्ष 2005 से वर्ष 2008 तक लीगल और अर्बन कोऑर्डिनेटर एवं अन्य दायित्व l

वर्ष 2008-2019 तक पूर्व बस्तर डिवीजन प्रभारी & उत्तर सब जोनल ब्यूरो सचिव रहा।

वर्ष 2019 से अब तक दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीके एसजेडसी ) सचिव

अन्य प्रमुख भूमिकाएँ:
केंद्रीय समिति सदस्य
सेण्ट्रल रिजनल व्यूरो (सीआरबी) सदस्य
घोषित ईनाम की राशि : कुल घोषित ईनाम 1 करोड़ 80 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य – 40 लाख, मध्यप्रदेश- 15 लाख, ओडिसा – 25 लाख, तेलंगाना राज्य – 25 लाख, आंध्रप्रदेश- 25 लाख और महराष्ट – 50 लाख )

कट्टा रामचंद्र रेड्डी से जुड़े प्रमुख हमले
वर्ष 2009 – जिला नारायणपुर के थाना धौडाई क्षेत्रांतर्गत ग्राम महराबेड़ा ऐम्बुश में सीआरपीएफ के 27 जवान शहीद ।
वर्ष 2011 – ग्राम कन्हारगांव से बुकिनतोर में पुलिया को ब्लास्ट कर 04 जवान शहीद।
वर्ष 2020 – जिला सुकमा के जोनागुडेम में एंबुश – 22 जवान शहीद, हथियार लूटे ।
वर्ष 2022 – जिला सुकमा के ग्राम टेकलगुडा में 22 जवान शहीद।

कोसा दादा @ कादरी सत्यनारायण रेड्डी व्यक्तिगत प्रोफ़ाइल
पूर्ण नाम: कादरी सत्यनारायण रेड्डी
उपनाम: कोसा दादा उर्फ गोपन्ना उर्फ बुचन्ना
पिता का नाम: कृष्णा रेड्डी |
आयु: 67 वर्ष
निवासी: गोपालरावपल्ली सिरसिल्ला, जिला -राजन्ना (करीमनगर) राज्य- तेलंगाना
कट्टा रामचंद्र रेड्डी:

संगठनात्मक भूमिकाएँ और सैन्य गतिविधियां
वर्ष 1980 से डीके एसजेडसी की सदस्यता।
वर्ष 2001 से 2011 तक डीके एसजेडसी सचिव ।
2011-2022 पश्चिमी सब ज़ोनल ब्यूरो प्रभारी एवं अन्य दायित्व l
वर्ष 2023 से माड़ डिवीजन कमांड इंचार्ज
वर्तमान पद: उत्तर रीजनल कमेटी इंचार्ज

अन्य प्रमुख भूमिकाएं:
केंद्रीय समिति सदस्य
सेंट्रल रीजनल ब्यूरो (सीआरबी) सदस्य
घोषित ईनाम की राशि : कुल घोषित ईनाम 1 करोड़ 80 लाख (छत्तीसगढ़ राज्य – 40 लाख, मध्यप्रदेश- 15 लाख, ओडिशा – 25 लाख, तेलंगाना राज्य – 25 लाख, आंध्र प्रदेश- 25 लाख और महाराष्ट्र – 50 लाख )

कादरी सत्यनारायण रेड्डी से जुड़े प्रमुख हमले
वर्ष 2006-07 में ग्राम कच्चापाल में जन अदालत लगाकर 06 ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा ।
वर्ष 2009 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के मरकाटोला एंबुश में 17 जवान शहीद ।
वर्ष 2009 में जिला राजनांदगांव के मदनवाड़ा एंबुश में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सहित 27 जवान शहीद ।
वर्ष 2018 में जिला नारायणपुर के छोटे डोंगर थाना क्षेत्रांतर्गत इरपानार एंबुश में 04 जवान शहीद, 11 जवान घायल।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज  पी सुंदरराज ने कहा:

“प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) ने हाल के समय में गंभीर एवं अपूरणीय क्षति झेली है, जिसके कारण संगठन आज बिखरा हुआ, नेतृत्वविहीन और दिशाहीन हो गया है। जो संगठन कभी स्वयं को एकजुट मोर्चे के रूप में प्रस्तुत करता था, वह अब आंतरिक कलह और गंभीर संकटों से जूझ रहा है।”

वर्ष 2025 में वरिष्ठ माओवादी कैडरों— बसवराजु, सुधाकर, चलपति, मोडेम बालकृष्ण, उदय, साहदेव और विवेक मांझी—की मृत्यु से संगठन पूरी तरह अव्यवस्थित हो गया है। 22 सितम्बर 2025 को हुई मुठभेड़ में कोसा दादा और राजू दादा की मौत ने इस प्रतिबंधित और अवैध संगठन को और अधिक कमजोर कर दिया है।

आईजी बस्तर श्री सुन्दरराज पी. ने यह भी रेखांकित किया कि वर्ष 2024 में जिस सशक्त अभियान की गति बनी थी, वह वर्ष 2025 में भी लक्षित, निरंतर और उच्च प्रभाव वाले अभियानों के माध्यम से आगे बढ़ाई जा रही है। यह उल्लेखनीय है बस्तर रेंज में जनवरी 2024 से 22 सितम्बर 2025 तक कुल 437 कुख्यात माओवादी मारे गए हैं, जो प्रभावी रणनीति, साहसी कार्रवाई और स्थानीय समुदायों के जबरदस्त सहयोग का प्रमाण है।

भारत सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए आईजी बस्तर ने कहा कि “वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध लड़ाई अटूट संकल्प, शक्ति और प्रतिबद्धता के साथ तब तक जारी रहेगी जब तक इस संगठन का पूरी तरह समूल नाश नहीं हो जाता। हिंसा के मार्ग पर अब भी डटे माओवादी कैडरों से अपील की गई कि वे हथियार त्याग कर आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में लौट आएं—अन्यथा कठोर परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहें।”

पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर श्री अमित तुकाराम कांबले, बीएसएफ 133वीं वाहिनी एवं आईटीबीपी 38 वीं और 53वीं वाहिनी के कमान अधिकारियों ने कहा :

“केंद्रीय समिति के इन दोनों वरिष्ठ नक्सलियों की मौत से नक्सली संगठन नेतृत्वविहीन हो गया है। संगठन की कमान और दिशा देने वाले प्रमुख चेहरे अब नहीं रहे। इससे नक्सलियों की आतंकी गतिविधियां कमजोर होंगी और आम जनता पर उनके प्रभाव का अंत निश्चित है।” पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया ने कहा:

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर  रोबिनसन गुड़िया ने कहा:

अबूझमाड़ में केंद्रीय समिति के दो शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने से संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है। यह वही नेतृत्व था, जो पिछले तीन दशकों से नक्सलियों की हिंसक गतिविधियों को संचालित कर रहा था। इनके खात्मे से नक्सलियों की कमर टूटी है और सुरक्षा बलों का मनोबल और ऊँचा हुआ है। हम नक्सल मुक्त बस्तर के अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। आईटीबीपी, बीएसएफ एसटीएफ और डीआरजी की संयुक्त कार्रवाई में 2024 से अब तक कुल 127 माओवादी मारे जा चुके हैं। यह उपलब्धि सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों और लगातार चल रहे सर्च एवं डोमिनेशन ऑपरेशनों का परिणाम है, जिससे अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है।”

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